Friday 26 May 2017

माँ बगलामुखी के शतनाम पाठ व हवन पर अनुभूतियाँ

नेट के द्वारा अपने सभी दीक्षित शिष्यों को इस बार शतनाम पाठ व हवन करने का दिशा-निर्देश दिया, सभी ने बड़ी लगन के सााथ यह संकल्प पूर्ण किया, माँ भगवती की कृपा भी सभी पर हुई व अनेकों अनुभूतियों के द्वारा मेरे शिष्यों को उन्होंने अवगत भी कराया, हमें भी काफी प्रसन्ता हुई कि मेरे शिष्य माँ के सानिघ्य में आ गए, यही मेरा उद्देश्य रहा है, जिसका सम्बन्ध माँ से हो वह सभी माँ की कृपा शीघ्र से शीघ्र प्राप्त करें, देखे:-

1. प्रकाश थोराट, अजमेर, राजस्थान यह संकल्प पूर्ण कर अपने अनुभव में पाया कि जिस भी व्यक्ति का सुबह ध्यान करते है कि काफी समय हो गया है, अब इनसे मिलना चाहिए, शाम को ही वह व्यक्ति इनके पास पहुंच जाता है। दूसरा अनुभव किसी कार्यक्रम मैं मोटर साइकिल से जा रहा था, रास्ते में गाड़ी खराब हो गई, बहुत प्रयत्न किया पर वह टस से मस न हुई, इतने में एक गाड़ी मेरे पास आकर रूकी उसने अपना परिचय दिया - मैं गाड़ी मैकेनिक हूँ और उसने वही पर मेरी गाड़ी ठीक कर दिया, पैसे भी वाजिब लिया।

2. माँ बगलामुखि के नामों का उच्चारण करने मात्र से सभी विघ्न दूर हो जाते हैं और साघक के सभी कार्य सफल हो जाते हैं अतः शतनाम का पाठ अवश्य करें, माँ ने स्वयं कहा है जो भक्त शारीरिक आरोग्य के लिए अथवा वैरियो के निग्रह के लिए दिन या रात में एक सहस्त्र आहुतियाँ देता है, उसे अतिशीघ्र सिद्धी प्राप्त हो जाती है। इस कथन की सत्यता निम्न प्रकरण से सिद्ध हो जाती है, मेरे शिष्य सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव की जमीन पर एक दबंग ने जबरियन कब्जा कर लिया, उसने मेरे साथ नित्य शतनाम के ग्यारह पाठों का हवन अर्थात् एक सहस्त्र से अधिक आहुतियाँ, लगातार दस दिनों तक दी। दो दिन बाद उसके कार्य की सफलता हेतु स्वप्न आया। एक बड़ा सा सेप्टिक टैंक, जो मल से भरा हुआ है, उसमें एक घोड़ा आता है और उसी में गिर जाता है। बगल में एक छोटी कन्या खड़ी है, मैं पूछता हूँ घोड़ा निकला तो नहीं उसक बतलाया अब वह नहीं निकल पाएगा। यह उसके परिश्रम का सांकेतिक उत्तर आ गया। घोड़े के रूप में उसका दबंग शत्रु था, जो धन के लालच में जैसा मल से भरा सेप्टिक टैंक दिखा, उसी में गिर गया व उसका अन्त हो गया। माँ जो भी करती है पहले सांकेतिक रूप में दिखा देती है।
दूसरा अनुभव इन्होंने बतलाया निर्देशानुसार नित्य दो माले बगला गायत्री व ग्यारह पाठ शतनाम के करना प्रारम्भ किए अभी एक सप्ताह ही हुआ था कि कार्य का पूर्वाभास होने लगा। मेरी एक जमीन जिसे अर्थाभाव में एक सज्जन को बहुत सस्ते में दे दी थी, जब कि उसकी कीमत बहुत अधिक थी। दो दिन पूर्व स्वप्न आया कोई नोटिस आई है। पैसों के लेन-देन से सम्बन्धित थी। दो दिन पश्चात् जिस सज्जन को मैने जमीन बेची थी, कहने लगे मेरा पैसा वापस कर दो, मैं आप की जमीन नहीं खरीद पाँऊगा, मेरे पास बाकी पैसों का प्रबन्ध नहीं हो पा रहा है।

3. नासिक से पुरूषोत्तम ने बतलाया आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय होने के कारण आत्म हत्या करने का विचार मन में आता रहा, तभी नेट के माध्यम से हमसे सम्पर्क हुआ, इन्हें बगला बीजमंत्र, शावर व शतनाम के दस हजार पाठ का क्रमशः अनुष्ठान कराया परिणाम सामने आया। एक डील जो काफी अच्छी थी, जो कई वर्षों से रूकी हुई थी, माँ की कृपा से वह डील हो गयी। अब इन्होंने संकल्प लिया है, शेष जीवन माँ के चरणों की सेवा में लगा देंगे, सुन कर हमें अच्छा लगा, माँ इसी प्रकार अपने सभी साधकों पर अपनी कृपा बनाए रखे व हमें भी प्रेरणा देती रहे कि जो साधक माँ के चरणों में आना चाहे उसे मैं भरपूर मार्ग प्रदर्शक की भूमिका से सरल ढंग से दिशा-निर्देश दे कर इस मार्ग के जटिल प्रयोगों को अत्यन्त सुगम कर संकू।

4. लखनऊ से उमा जोशी ने बतलाया शतनाम का दस हजार पाठ कर, ग्याहर पाठों की आहुतियाँ दी, तीसरे दिन स्वप्न में देखती है कि उनकी आवाज नहीं निकल रही है, इशारे में अपने पुत्रों को बुलाती हैं, परन्तु उनकी तरफ कोई ध्या नही नहीं दे रहा है। नींद खुलने पर बड़ी बैचेनी महसूस करती है, इनके अनुसार कई वर्षों बाद यह स्वप्न आया। इसका उत्तर समय के गर्भ में छिपा है।

5. दिल्ली से सुनील ने बतलाया दोनों पैरों में पिछले पांच वर्षों से दर्द हो रहा था, नित्य सुबह-शाम डाक्टरों की दवा खा-खाकर मैं परेशान हो चुका था, पिछले दो ही मास हुए मुझे दीक्षा लिए हुए, भगवती पीताम्बरा के बीच मंत्र का 2 लाख ही जप कर सका, दर्द के कारण मैं बैठ नहीं पाता था, मेरे गुरूवर डा0 तपेश्वरी दयाल सिंह ने हमंे निर्देश दिया बैठ कर जप नहीं हो पाता, तो खड़े होकर ही जप करों, माँ बहुत दयालु है, तुम्हारे कष्टों का अवश्य निदान करेगी, मेरी बातों पर भरोसा रखो, मैं भी तुम्हारे कष्टों के निदान हेतु माँ से प्रार्थना करूंगा। जैसे-तैसे बड़ें कष्टों को सहते हुए दो लाख जप पूर्ण किया। मेरे गुरूवर ने पुनः बगला शतनाम पाठ का निर्देश दिया और मैं बड़े मनोयोग से नित्य दो सौ पाठ करने लगा, मुझे बड़ा अचम्भा हुआ, मेरा सारा दर्द समाप्त हो गया, अब मैं कोई दवा नहीं खा रहा हूँ और लगातार तीन से चार घंटे बैठ कर पाठ कर रहा हूँ।

6. तिलकुवा, हापुड़ से राणा वीर भद्र सिंह जो माँ पीताम्बरा के चोटी के साधक हैं ने अपने अनुभव में पाया बगला शतनाम आर्थिक उन्नति के लिए एक अति दुर्लभ प्रयोग है एक दृशटांग देखे - अपने यजमान के लिए इसका अनुष्ठान किया, यजमान शीघ्र ही ऋण मुक्त हो गया, उसकी सारी सम्पत्ति पुनः वापस हो गई, जब कि वह गिरवी रख दी गई थी और अर्थाभाव में वह सम्पत्ति हाथ से जा रही थी। माँ की ऐसी कृपा सभी साधकों को सुगम रूप से प्राप्त हो।

7. रजना सिंह, लखनऊ ने बतलाया कि बगला बीजमंत्र के उपरान्त बगला शाबर का पांच ही दिन जप किया था कि पति से काफी झगड़ा हो गया, इन्हें बगला शतनाम के एक हजार पाठ व हवन करने का दिशा-निर्देश दिया गया, अभी सौ पाठ ही हुए थे कि हालात सामान्य हो गए, शीघ्र ही माँ की कृपा से इनकी बेटी का विवाह भी सम्पन्न ही नही होगा वरन् बहुत कुछ भी मिलेगा।

8. नीलकंठ, ऋषिकेश में शतनाम हवन का परिणाम - सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव ने अपने तीसरे अनुभव में बतलाया -- यंत्र पर खजूर के पेड़ की तरह दो खड़ी लाइने बन गई अर्थात् दो दुष्ट शक्तियों को यंत्रने समाप्त कर दिया व परिणाम स्वरूप यंत्र पर दो काली लाइने बन गई, यही नहीं स्वप्न में दो काले कौवे पिजड़े में बन्द दिखे अर्थात् दो चतुर शत्रुओं द्वारा जो तांत्रिक क्रिया की गई थी वे दोनों पिंजरे में बन्द कर दिए गए, अर्थात् शत्रुकृत सारी क्रियाओं पर बन्धन लग गया।

9. नील कंठेश्वर मंदिर, ऋषिकेश में शतनाम के हवन का परिणाम तीव्र गति से होता है, ऐसा मैने सुना था, अब स्वयं मैं इस बात का साक्षी भी हूँ - एक तलाक का केस जिसमें नीलकंठ में ग्यारह पाठों के हवन के उपरान्त त्वरित सुखद परिणाम सामने आया, अदालत ने मेरे यजमान के पक्ष में फैसला कर दिया। तलाक के मुकदमें दसों साल चलते हैं, परन्तु भगवती की ऐसी कृपा हुई की मात्र दो ही वर्षों में सुखद परिणाम दे दिया।





डा0 तपेश्वरी दयाल सिंह
मो0: 9839149434

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