Sunday 6 December 2020

कपूर क्रिया पर अनुभव

जयपुर से हमारे शिष्य गिरराज सोनी ने हमें अवगत कराया, उनके दुकान के नौकर पर प्रेत बाधा थी। कपूर क्रिया की अत्यधिक लाभ हुआ। उसके हाथ पैर में दर्द, परछाई दिखती थी, गन्दे व डरावने सपने आते थे। पन्द्रह दिन कपूर क्रिया करने के बाद वह लगभग ठीक हो गया, एक दिन मंत्र पढ़ते ही उसके ऊपर आवेश आ गया, आँखें एकदम लाल हो गई आवेश ने बोला मेरी सारी शक्ति क्षीण हो गई है अब हमें मुक्त कर दो, हमने उसे वचनों में लेकर कहा शरीर से निकलो और वह झटके से निकल गया व लड़का पीछे की ओर गिर गया बीस दिन हो गये हैं, लड़का एकदम ठीक है, इसके कान व आंख में खुजली होती थी, आंख में पानी आता था, कान में सरसराहट होती थी, मैने उस प्रेगत से पूछा था कैसे आते हो, प्रेत बोला था मैं आंख से घुसता हूँ और कान से निकलता हूँ। यह सब कपूर क्रिया के पश्चात् एकदम ठीक हो गया।

झारखंड से हमारे शिष्य कुणाल सरकार ने हमें अवगत कराया जब भी वह आंख बन्द कर जप करते हैं एक काली परछाई मेरे पीछे बैठी है ऐसा महसूस होता है। इन्हें कपूर क्रिया का निर्देश दिया गया, इस क्रिया के बाद अब वह परछाई नहीं दिखती, कपूर क्रिया नकारात्मक शक्ति को पूर्णतः हटा देता है। 

बुलन्दशहर से सत्यवीर सिंह ने बतलाया उनके एक मित्र के पेट में दर्द काफी समय से होता था, कई बड़े-बडे़ असपतालों के चक्कर लगा कर थक गए थे, परीक्षणों में ही नहीं चल सका, पेट दर्द की परेशानी से मुक्ति कैसे मिले तांत्रिकों के भी चक्कर लगाए कोई लाभ न हुआ अन्ततः उनको अपने पास बुलाया व कपूर क्रिया की एक जबरर्दस्त चमत्कार उस दिन के बाद से आज दो माह हो गए हैं कोई दर्द नाम की चीज उनके शरीर में नहीं हुई।

बाम्बे से मेरी शिष्या मीनाक्षी मेरे घर पर आई जहाँ उनकी कपूर क्रिया की आंख के सामने धूंवा ही धूंवा दिख रहा था व सर भारी हो रहा था पुनः दोबारा कपूर क्रिया की उनके आंखो के सामने एक बड़ी दाढ़ी व लम्बे बालों वाला लम्बा सा व्यक्ति दिख रहा था तथा कंधे में भारीपन दर्द आ रहा था जो कपूर जलने के बाद सब सामान्य हो गया।
हमारा एक शिष्य है देवेश वह माँ का चमत्कार देखने को व्याकुल रहता, माँ ने एक दिन उसकी अभिलाषा को पूर्ण कर दिया। हुआ यो कि भयंकर दर्द से छटपटाने लगी थी, मैने कपूर क्रिया करने का निर्देश दिया, जिससे उसे दर्द में थोड़ा आराम आ गया पुनः क्रिया करने पर वह दर्द से मुक्ति पा कर सो गई। दूसरे दिन वह पूर्ण स्वस्थ थी।
छत्तीसगढ़ से मेरी शिष्या जुमा सरकार ने हमें अवगत कराया उनके बड़े भाई को एक महिला ने तंत्र क्रिया कर अपने वश में कर लिया, उसके भाई का चाल-चलन एकदम बदल गया, नित्य घर में लड़ाई झगड़ा करता, स्वयं भी हरदम बैचेन रहता, खाना बहुत कम खाता, रात की नींद उससे दूर हो गई, हम सब घर के लोग उससे परेशान रहते, वह महिला मेरे घर भी आती व पपीता अवश्य लाती, जिसमें एक छेंद रहता था, पूछने पर कहती फल है किसी कीड़े ने छेद कर दिया होगा, परन्तु क्या प्रत्येक बार पपीते में छेद होना अनिवार्य था? मेरा माथा ठनका मैने सोचा हो सकता है पपीते के माध्यम से कोई तंत्र कार्यवाही अवश्य की गई है। दूसरे ही दिन अपने गुरू के निर्देशानुसार बगला कल्प के एक पाठ से उसकी कपूर क्रिया की जिसमें प्रत्येक मंत्र की फूक अपने भाई पर संप्रेषित की साथ ही बगला कल्प के एक पाठ से अभिमंत्रित जल से उसे स्नान कराया। बड़ा चमत्कार सामने आया, मेरे बड़े भाई का चिड़चिड़ापन तुरन्त ही समाप्त हो गया, उसने भर पेट भोजन खाया, नींद भी अच्छी आई। मैं अपने गुरूदेव को बारम्बार प्रणाम करती हूँ, जिन्होंने इतनी बड़ी मुसीबत को कुछ ही क्षणों में दूर करवा दिया।




डा0 तपेश्वरी दयाल सिंह
9839149434

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