Wednesday 29 May 2019

दुष्ट तांत्रिक बन्धन से कैसे छुटकारा मिले

    हम अपने चारो ओर लगातार देख रहे हैं, दुष्ट तांत्रिकों द्वारा व्यक्ति के ऊपर तांत्रिक कार्यवाही कर उसके जीवन की प्रगति ही रोक दी जाती है, जिसका जीवन्त प्रमाण मैं स्वयं भी हूँ, और मैं एक बालक को जानता हूँ जो बचपन से ही काफी होनहार था, पढ़ने में भी उसका मस्तिष्क काफी तेज था, उसके सगे रिस्तेदार ने जलन वश उस पर तांत्रिक कार्यवाही कर उसका जीवन ही चौपट कर दिया, पढ़ाई में मन नही नहीं लगता। हमारे अधिकांश शिष्यों के जीवन में कोई न कोई दुष्ट शक्तियों द्वारा ही पीड़ित है। अब माँ बगलामुखी ने अनुपम कृपा कर कपूर क्रिया जैसा अस्त्र उपलब्ध करा दिया है, जिससे मेरा कार्य अत्यन्त सुगम हो गया है, अधिकांश लोगों में की गई तांत्रिक कारवाइयों को कपूर क्रिया में रंगों के माध्यम से सांकेतिक उत्तर मिल जाता है, बहुत से प्रेतों से भी छुटकारा मिल जाता है। तांत्रिक बंधन से मुक्ति हेतु सुगम उपाय कपूर क्रिया ही है।

एक दृष्टांत देखें - बात 2010 की है तब से आज तक एक परिवार लगातार इन क्रियाओं के कारण काफी परेशान चल रहा था, उनके वहाँ आर्थिक, शारीरिक व आपसी कलह का वातावरण बना हुआ था, भाई-भाई में विवाद हुआ, बड़ा भाई घर छोड़ कर कहीं भाग गया, उनके पिता की भी अकाल मौत हो गई वे जिस भी तांत्रिक को दिखाते सब यही कहते यह सब तुम्हारे नसीब का खेल है, कुछ कहते तुम्हारा प्रारब्ध ही गड़बड़ है। इस केस में मैं सूक्ष्मता से विचार करने लगा, परन्तु कुछ समझ में नहीं आया, उनकी कपूर क्रिया में माँ बगलामुखी की कृपा का द्योतक पीले रंग का रिंग आ रहा था साथ ही उसमें नीला गोला जो गुलाबी गोले के पीछे लगातार सारी कपूर क्रियाओं में आ रहा था, स्पष्ट था कुछ तो गड़बड़ है वह कोई शक्तिशाली शक्ति है, जो नष्ट नहीं हो रही है अतः साधक की शक्ति को और तीव्र करने हेतु उसे निर्देश दिया 10+1 फार्मूले के साथ में पीताम्बरा को मछली का भोग व शराब भी नित्य दो, ऐसा करते अभी सात ही दिन हुए थे कि जप करते हुए उनकी एकाएक आंखे बन्द हो गई और स्पष्ट आवाज आ रही थी, गुलाबी गोले में ब्रह्मराक्षस है और इसके पीछे नीले रंग में जिनन है जो बहुत शक्तिशाली है जिसे धूमावती का संरक्षण देकर एक धूमावती के साधक ने तुम्हारे वहाँ भेजा है, तभी स्वर में कठोरता आ गई लगता था माँ गुस्से में है कहने लगी-धूमावती को रविवार को पकौड़े देर उनसे कहो अब आप अपने लोक में जाए वर्ना मैं उनका सम्मान करना छोड़कर इन्हें मार दूंगी, ऐसा धूमावती से बोल देना, मैंने कहा है। मैंने ऐसा ही किया फिर कपूर क्रिया की जिसमें वे दोनों गुलाबी व नीले गोले के रंग में परिवर्तन होने लगा, जो क्रमशः धूमिल होने लगे, तभी एक बिल्डर से मेरी जमीन का सौदा हेने लगा, उसने कोर्ट में रजिस्टर्ड सौदा कर दिया वह हमें फ्लैट बना कर देगा इस प्रकार हम देखते हैं तांत्रिक बन्धन से मुक्ति हेतु कपूर क्रिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

केवल मेरे सारे शिष्य व अन्य वामाचारी पद्धति से दीक्षित साधकों के लिए जो माँ बगलामुखी को अति तीव्र प्रसन्न करना चाहते हैं को एक गुप्त विधान देता हूँ - कृष्ण पक्ष की अष्टमी, चैदस व अमावस्या की रात्रि 10 से 2 बजे के बीच, माँ बगलामुखी को तली या भुनी मछली के भोग के साथ ही शराब देकर माँ से निवेदन करें, माँ आप की प्रसन्नता हेतु मैं आप को मछली का भोग व शराब भी दे रहा हूँ, जिसे ग्रहण करने की कृपा करें और हम पर प्रसन्न होने की कृपा करें। यह विशेष भोग देकर माँ से और कुछ न मांगे चाहे कितने ही कष्ट में हों, मात्र उनकी प्रसन्नता हेतु ही निवेदन करें दो या तीन माह तक ऐसा ही करते रहें। परिणाम निश्चित ही सुखद प्राप्त होता है यह मेरा स्व अनुभूति है। यदि इन्हीं तिथियों में उन्हीं के उपरोक्त समय पर हवन भी कर दे तो अतिउत्तम रहेगा। हवन में पिसी हल्दी, मालकांगनी, सुनहरी हरताल, गुगल, सेंधा नमक, सरसों के तेल में सान कर, साबुत लाल मिचै मिला कर मूलमंत्र से हवन कर, शराब से उसी हवन कुंड में तर्पण एक माले का कर अपने ऊपर दस बार शराब से मार्जन कर, कुछ देर आँख बन्द कर वहीं बैंठे रहें, हो सकता है। माँ स्वयं ही कुछ दिशा-निर्देश दें, ऐसा लगातार अभ्यास से दिशा-निर्देश मिलने लगता है





एक दृष्टांत देखें मेरी एक शिष्य ब्राह्मण है, उसे मैंने मछली का भोग बताया, उसे हमसे कहा मैं ब्राह्मण हूँ शराब मांस वगैरह हम कैसे दे सकते हैं, मैंने कहा बताने का कार्य मेरा था मैंने बता दिया, अब तुम दो या न दो यह तुम्हारे ऊपर है, दूसरे दिन उसने हवन कर तर्पण व मार्जन शराब से कर आँख बन्द कर बैठी थी, उसने स्पष्ट देखा, एक सफेद कागज जिस पर बड़ी सी मछली बनी है उसके नीचे लिखा है मछली भोग में दे, साथ ही शराब दें। इस प्रकार उसे दिशा-निर्देश मिला यह कार्यक्रम करने के बाद, माँ की अंग विद्या ‘‘पक्षी राज के मूल मंत्र’’ को माँ के मूल मंत्र से सम्पुटित कर एक माला जप कर माँ से कहे जो भी मेरे ऊपर नकारात्मक शक्ति है उसे कपूर में खींच कर जलाने की कृपा करें कह कर कपूर जला कर उसका वीडियो बना लें, उसमें स्पष्ट संकेत दिखेगा, उपरोक्त सारी क्रियाओं को करने से पूर्व अपने गुरू से अनुमति अवश्य ले लें, क्यों कि यह तीव्र प्रयोग है, थोड़ी सी त्रुटि भी भयानक दुष्परिणाम दे सकती है।

पक्षीराज मूलमंत्र :-
ऊँ खें खाँ एवं फट् प्राण ग्रहासि प्राण ग्रहासि हुं फट् 
सर्व शत्रु, संहरणाय शरभ शालुवाय पक्षि राजाय हुं फट् स्वाहा 

नोट :-
1. रौद्री का ही एक रूप पक्षीराज है।
2. कृत्या निवारण का यह सर्वोत्कृष्ट साधन है।
3. यह प्रयोग नृसिंह मन्दिर में न करें।
4. ब्रह्म गायत्री के साधक इसका अभ्यास न करें।


डा0 तपेश्वरी दयाल सिंह
9839149434

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