Wednesday 30 May 2018

सफलता कैसे प्राप्त करें

जहाँ भौतिक विज्ञान समाप्त होता है, वहीं से आध्यात्म विज्ञान का क्षेत्र प्रारम्भ होता है। हम देखते हैं तमामों मंत्र जप के बाद भी सफलता नहीं मिलती, साधक का मन टूट जाता है व तंत्र विज्ञान से उसका मन विचलित होने लगता है, उसका धैर्य भी डगमगाने लगता है, तब केवल एक ही बात मस्तिष्क में आती है, कहीं कुछ न कुछ तो गड़बड़ है या तो हमने एकाग्रचित होकर जप नहीं किया केवल माला ही फेरते रहे और ध्यान कहीं अन्यत्र ही विचरण करता रहा। प्रारम्भ में मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था, जप चल रहा है और मन दुनिया की गणित में विचरण करता रहा, कैसे सफलता मिले। मन को एकाग्र कर मात्र ध्यान पर ही चिन्तन करते हुए मंत्र जप करते हैं। दूसरी सफलता प्राप्त करने की विधि यह है कि अपने प्रारब्ध को ठीक करें, श्रीमद् गीता में  श्री कृष्ण जी ने स्पष्ट कहा है, अनेकों जन्मों के कार्यों से प्रारब्ध का निर्माण होता है, जिसे भोगना ही पड़ता है, यदि पिछले जन्मों में हमसे कुछ बुरे कार्य हो गये हैं तो उसे ठीक करने में माँ भगवती पीताम्बरा के गायत्री मंत्र का जप पूर्णरूपेण सक्षम है। कहा भी गया है बिना गायत्री संध्या के शिवा स्वरूपा भगवती पीताम्बरा बगला श्रेष्ठ फल प्रदान नहीं करती, कारण चाहे कुछ भी हो।

अब आते हैं उस कारण को जानने हेतु मंथन करते हैं - वह है प्रारब्ध जो सफलता प्राप्त होने में रूकावट बनता है, यदि इसको ठीक कर दिया जाये तो इनके मंत्रों के उपयोग से सफलता मिलने में देर नहीं लगती हैजैसा पूर्व में मैंने अपने लेख अक्टूबर, 2016 में ‘‘संतान प्राप्त हेतु’’ में बगला गायत्री के जप का पूर्ण विधान दे दिया है।

अब एक दृष्टान्त देखें किसी कार्यवश में एक सज्जन के साथ उनकी मोटर साइकिल पर पीछे बैठे जा रहा था, सामने एक कार चल रही थी। एकाएक कार वाले ने ब्रेक लगा दिया मोटर साइकिल चालक ब्रेक न लगाकर कार को काटकर आगे बढ़ाना चाहा, परन्तु मोटर साइकिल कार की पिछली लाइट तोड़कर उसी में उसका हैण्डल इतनी जोर से टकराया कि कार का पिछला हिस्सा ही टूट गया, हम दोनो सकुशल रहे। कार शोरूम गयी वहाँ पता चला रू 15,000.00 में यह सब ठीक होगा। मैंने 10 हजार देने की पेशकस की जिसे कार वाले ने स्वीकार कर लिया, अब इस प्रकरण का ध्यान से चिन्तन करें तो हम पाते हैं आज मेरे प्रारब्ध में ऐक्सीडेंट था सो हुआ। भगवती ने इसे इतना सूक्ष्म कर दिया कि शरीर पर कोई खरोंच तक नहीं आयी यदि मोटर साइकिल थोड़ा और कटकर निकलती तो हम दोनों के घुटने कार से टकराते तब सोचिये घुटने की क्या दशा होती और उसके इलाज में लाखों का खर्च आता व शारीरिक कष्ट अलग से भुगतना पड़ता। यह हालत तो तब है जब कि मैं प्रतिदिन भगवती के गायत्री मंत्र का 10 माला जप कर रहा हूं। अतः मेरा भगवती के सभी साधकों से बारम्बार अनुरोध है कि नित्य बगला गायत्री का जप अवश्य करते रहें और बुरे प्रारब्ध से सुरक्षित रहें।

बगला गायत्री हवन सामग्री:-

1. पिसी हल्दी 1 किलो.
2. मालकागंनी 500 ग्राम
3. पीली सरसों 500 ग्राम
4. गुगल 200 ग्राम
5. सुनहरी हड़ताल 100 ग्राम
6. लौंग 20 ग्राम
7. छोटी इलाइची 10 ग्राम
8. सेंधा नमक 10 ग्राम
9. हवन सामग्री 1 किलो पैकेट
10. देशी घी 500 ग्राम





नोट:-  जप रूद्राक्ष की माला से करें।

डा0 तपेश्वरी दयाल सिंह
9839149434

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