Thursday 28 February 2019

कपूर क्रिया पर अनुभव भाग-2

    बुलन्द शहर से मेरे शिष्य सत्यवीर सिंह ने हमें अपने अनुभव में बतलाया जो उन्हीं के शब्दों को आप के सम्मुख रख रहा हूँ।

प्रणाम गुरूदेव सादर चरण स्पर्श जय माँ बगलामुखी। गुरू देव में आप को एक घटना से अवगत करा रहा हूँ, जो मेरे अंकल जी के यहाँ की है, वह किसी अज्ञात भूत-प्रेत या भेजी हुई कोई शक्ति से लगभग एक वर्ष से पीड़ित थे। एक दिन उस अज्ञात शक्ति ने उनकी पत्नी को सीढ़ी से नीचे गिरा दिया, जिससे उन्हें काफी चोट भी आई उसने अंकल जी को भी चोट पहुँचाई परन्तु अधिक नुकसान नहीं कर पायी, इसका एक कारण यह था कि वो भी कुछ तंत्र-मंत्र के जानकार है। उन्हें अक्सर एक महिला स्वप्न में दिखाई देती थी, जिसका यह अर्थ निकलता था कि  यह इस महिला द्वारा किया कराया है, उन्होंने भी उससे छुटकारा पाने का भरपूर प्रयास किया, परन्तु असफल रहें, वह शक्ति इनके हाथ नहीं आई, लेकिन यह तो तय था कि वह कोई मामूली शक्ति नहीं है कोई शक्तिशाली शक्ति है, कुछ समय बाद उसने पुनः अंटी जी पर प्रहार किया, अंटी जी किचन में खाना बना रही थी, जहाँ ऊपर काफी बड़ी टाड़ बनी है जिस पर कुछ बर्तन और किचन का सामान रखा था, उस दुष्टि शक्ति ने वह सामान उनके सर के ऊपर गिरा दिया, जिससे उनके सर पर काफी चोट आई और खून बहने लगा, जब कि टाड़ पर कोई चूहा या बिल्ली ऐसी कोई चीज नहीं थी यदि होती भी तो बर्तन गिरने के बाद भी नीचे नहीं आते क्यों कि टांड़ की स्लेप काफी चौड़ाई में थी और बर्तन काफी अन्दर दीवाल से सटा कर रखे हुए थे, फिर उसने उनकी लड़की को परेशान किया कभी स्वप्न में तो कभी प्रत्यक्ष दिखाई पड़ने लगी जिससे वह काफी डरी और सहमी सी रहती थी, साथ ही उनका व्यवसाय भी लगभग चौपट हो गया, उनकी सिलाई की दूकान पर सिलने के लिए कपड़े आना लगभग बन्द हो गए, उस दुष्ट ने आर्थिक तंगी भी काफी पैदा कर दी। आए दिन कुछ न कुछ उत्पात करती रहती थी। उन्होंने उपरोक्त सारी घटनाक्रम से हमें अवगत कराया, समय के अभाव में मैं उन्हें समय न दे सका, एक दिन वह मुझसे सुबह के समय अपना दुख मुझे बताने लगे तभी उनके लिए मैने मां से म नही मन प्रार्थना की और मैंने उनसे कुछ सामग्री लाने को कहा और बोला आप सामग्री तैय्यार रखना मैं शाम को माता का हवन करूंगा तथा मैं अपने दैनिक कामकाज के लिए चला गया। संयोगवश उसी दिन मेरे एक मित्र भी मेरे घर आ गए वह भी इस तंत्र-मंत्र में जानकारी रखते हैं शाम को मैं उन्हें साथ लेकर अपने अंकल जी के वहाँ हवन करने के लिए निकल गया लगभग रात्रि 8 बजे थे जैसे ही मने उनके घर में प्रवेश किया मेरा सर काफी भारी सा हो गया, जो निरंतर भारी होता जा रहा था, मैं समझ गया कुछ गड़बड़ है ऐसा ही कुछ संकेत मेरे मित्र को भी मिले साथ ही उन्हेंन स्पष्ट अनुभव किया और मुझे बताया कि वह अज्ञात शक्त घर के एक कोने में बैठी है। हमने सामग्री तैय्यार कर अपने गुरूदेवी व माता श्री से म नही मन उनके कष्ट हरने की प्रार्थना की तथा हवन प्रारम्भ कर दिया, माँ के मूल मंत्र का हवन चल रहा था अचानक मेरे मित्र को हंसी आने लगी मेरा ध्यान हवन में ही लगा रहा मूल मंत्र का हवन पूर्णकर, बगला कल्प के मंत्रों से आहुति डालना प्रारम्भ कर हवन निर्विघ्न पूर्ण किया अन्त में गरी के गोलों से पूर्ण आहुति दी व तिल की खीर मैं शहद व केसर भी मिला अन्तिम आहुति दी व लड्डू का भोग लगा कर हवन पूर्ण कर माँ से इनके कष्ट दूर करने की पुनः प्रार्थना भी की। यह सब करने के बाद मैं अपने मित्र से हसी का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि हवन के दौरान वह दुष्ट शक्ति हस रहीं थी, जिसकी स्पष्ट आवाज मेरे मित्र को सुनाई पड़ रही थी, जिसके कारण वह भी हंसे थे और बताया कि जैसे ही मैंने बगला कल्प के मंत्रों से आहुति दी तो उसने एक शक्ति को और बुला लिया कुछ दे बाद उसकी हंसी बन्दहो गई और वह दोनों शक्ति का अन्त माँ बगलामुखी ने कर दिया। अब उनके घर में पूर्ण शान्ती है सारी दुष्ट नकारात्मक शक्तियों का अन्त हो गया।

सामूहिक हवन का एक दृश्य



नोट :- हवन की पूर्ण आहुति के पूर्व मैंने कपूर क्रिया भी की जिसमें प्रेत स्पष्ट दिखाई पड़ा साथ ही उसका अन्त हो गया। कपूर क्रिया दुष्ट आत्मा का अन्त देखा।
बुलन्द शहर से

कर्पूर क्रिया का एक दृश्य - बुलन्द शहर



कर्पूर क्रिया का एक दृश्य



डा0 तपेश्वरी दयाल सिंह
9839149434

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