Monday 30 July 2018

तांत्रिक अभिचारों व भूत-प्रेत से छुटकारा कैसे पाए (कपूर क्रिया)

यह तो सुनिश्चित है कि पीताम्बरा की कृपा से साधक के शत्रु बुझे अंगारे के समान हो जाते हैं। तंत्र से पीड़ित व्यक्ति के दोनों मुटिठयों में कपूर रख कर अपने सामने बैठा देते हैं व स्वयं मूल मंत्र का मानसिक जप करें क्योंकि मानसिक शक्तियों के उद्दीपन के मंत्र साधना में सर्वोच्च स्थान प्रदान किया गया है या उपांशु जप करते हुए पीड़ित व्यक्ति पर फूक मारे। फूक पड़ते ही उसके हाथों में हलचल होने लगती है, जैसे कपकपी की तरह हाथ काँपने लगते हैं, फिर दस मिनट यही क्रिया कर कपूर को जला दें। यह क्रिया प्रतिदिन सात दिनों तक करते हैं। मंत्र पढ़ते समय भावना करें कि वह अभिचार या प्रेत इस कपूर में समाहित हो गया है, और माँ से प्रार्थना भी करें हैं माँ पीताम्बरा इस पर जो भी किया-धरा हो या नकारात्मक शक्तियाँ हो उसे खींच कर इस कपूर ला दे।

इस क्रिया में कभी-कभी शरीर में अकड़न, सर व हाथ भारी होना, कपूर गरम होना आदि लक्षण दिखाई पड़े तो उसका अर्थ है आप नकारात्मक शक्तियों से पीड़ित है। यदि शरीर पर प्रेत का आवेश आ जाए तो मूल मंत्र से अभियंत्रित जल के छीटे पीड़ित व्यक्ति पर क्रोधित मुद्रा से मारे और माँ से उसको नष्ट करने की बीच-बीच में प्रार्थना भी करते रहते हैं। एक दृश्टांत  देखे -

इस क्रिया का प्रयोग राजस्थान से मेरे शिष्य ने अपने पुत्र पर किया जिसके यह लक्षण थे कि पुत्र का कहीं मन नहीं लगता था, वह गुमशुम रहता था, हाथ-पैरों में दर्द, कभी सीने में दर्द व जलन, गन्दे-गन्दे स्वप्न दिख रहे थे, भूख अधिक लगती थी, खाना शीघ्र  मांगता था। उपरोक्त क्रिया करते ही उसके हाथ की मुट्ठियों में जबर्दस्त कम्पन्न होने लगा, जिसका वीडियो नीचे दिया गया है। यह प्रयोग सात दिन करने के उपरान्त उसकी भूख कम हो गई। इस प्रयोग से पूर्व वह नौ  रोटी खाता था और दो घंटे बाद फिर उसे भूख लग जाती, अब मात्र तीन रोटियों में उसका पेट भर जाता है, चेहरे पर चमक आ गई, अपने में स्फूर्ति का अनुभव कर अपने सारे कार्य स्वयं संपादित कर रहा है, इस प्रकार हम देखते हैं माँ पीताम्बरा की कृपा से वह भूत-प्रेत बाधा से छुटकारा पा गया है। यह क्रिया उन सभी पर कर सकते हैं जिनका इलाज लम्बे समय से चल रहा हो औषधियाँ अपना पूरा प्रभाव न दे पा रही हो, बीमारी के पीछे यदि ऊपरी हवा का प्रभाव होगा तो इस क्रिया से उसका निवारण हो जाएगा दवा अपना प्रभाव देेने लगेगी।


कर्पूर क्रिया (वीडियो)



यदि आप स्वयं यह अनुभव करें कि नकारात्मक ऊर्जा मेरे पास आ गई है या मेरे मंत्रों को बाँध दिया है या मंत्र जप करते समय उच्चाटन का मन बनने लगे तब आप स्वयं इस कपूर क्रिया का अपने ऊपर पूर्व की भांति मानसिक मूलमंत्र का जप करते हुए माँ पीताम्बरा से मानसिक प्रार्थना अपने इस व्यवधान के सामाप्त हेतु यह क्रिया बीस मिनट तक करते हैं। यदि पीड़ित व्यक्ति पर प्रयोग समय आवेश आ जाए पीड़ित व्यक्ति के कान में बीज मंत्र का उच्चारण करते हैं, जिससे उसका आवेश शान्त पड़ जाता है।

**चन्द्र ग्रहण की रात्रि अपने सभी शिष्यों को बगला शावर मलयाचल का एक हजार जप का निर्देश दिया, 
  • रात्रि दो बजे सोनभद्र से कु0 मोनिका ने फोन द्वारा सम्पर्क कर हमें ज्ञात कराया कि शाबर मंत्र के पांच माले का ही जप कर पाई हूँ और नहीं कर पा रही हूँ, क्या कंरू गुरूजी, मैने उसे कपूर क्रिया करने का निर्देश दिया, पुनः पन्द्रह मिनट बाद मोनिका को फोन लगाया, जिसे उसकी माँ ने उठाया और बतलाया बेटी पूजा कर रही है, मेरे मन को शान्ती मिली कि चलो माँ ने उसे जप पर बैठा दिया। सुबह मोनिका ने हमें रात की घटना से अवगत कराया तो मेरा मन गद्गद हो गया। कपूर क्रिया करने के तुरन्त बाद ही बुखार व सम्पूर्ण शारीरिक पीड़ा समाप्त हो गई और मैं जप पर बैठ गई, हमें बहुत आश्चर्य हो रहा था, पहला इतनी शीघ्र तो कोई दवा भी काम नहीं कर पाती, दूसरा रात्रि बारह से दो बजे के बीच पांच माले का जप हुआ और कपूर क्रिया के बाद मात्र चालीस मिनटों में पांच माले जप पूरे हो गए।
  • जलन्धर से कुसुम लता ने बतलाया जप चल ही नहीं रहे थे, नींद के बहुत झोंके आ रहे थे, बारम्बार मन हो रहा था लेट जाए, परन्तु मैने कपूर क्रिया के बाद ग्रहण काल में ही छह और माले का जप पूर्ण हो गया।

    माँ बगला अनुभूत तंत्र (वीडियो)
  • गिरिराज सोनी का भी इन नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा पाने में बड़ा ही अद्भुद अनुभव रहा है। यह लेख उन लोगों को समर्पित है जो माँ की सेवा में परिश्रम तो कर रहे हैं, परन्तु परिणाम बहुत मंद गति से प्राप्त कर पा रहे हैं।
नोट:- मूल मंत्र का खजाना अधिक से अधिक बढ़ाए, जो मानसिक जप से ही बढ़ेगा।

डा0 तपेश्वरी दयाल सिंह
9839149434

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