Friday 31 August 2018

माँ बगलामुखी न दी दो छडी

अलौकिक शक्तियाँ जब भी कुछ कहना चाहती है तो उनकी भाषा सांकेतिक होती है। हवा में दो छड़ियाँ दिख रही है, यह माँ का कोई संकेत आ रहा है, अब हमें इस संकेत का अर्थ निकालना है। हली छड़ी भूत-प्रेत व अन्य दुष्ट आत्माओं का संहार करने के लिए व दूसरी छड़ी का अर्थ है भौतिक सुख प्राप्त करने हेेतु। इन छड़ियों का निर्माण कैसे करें। पहली छड़ी-नीम की एक फिट लम्बी छड़ी लेकर उसे छील कर उस पर सरसों का तेल लगा कर पीले धागे से लपेट कर पूजा स्थान पर रख दे, अब जब भी कोई दुष्ट आत्मा का प्रवेश घर में अनुभव हो तब इस छड़ी प्रयोग करें। बच्चों की नजर छड़ी छुआते ही उतर जाती है। कपूर क्रिया करते ही यदि हाथ स्वतः हिलने लगे या अन्य उपद्रव प्रगट होते ही इस छड़ी को छुआते ही वह आवेश बोलने लगेगा अब आप उस प्रेतात्मा का काम तमाम इस छड़ी से कर दें।

इस छड़ी का प्रयोग हमारे शिष्य गिरराज सोनी जी बहुत सफलता पूर्वक कर रहे है। इस क्रिया में मूल मंत्र का खजाना ही कार्य करता है अतः मूल-मंत्र का खजाना अधिक से अधिक बढ़ाते रहे।

अब आते ही दूसरी छड़ी का निमार्ण कैसे करें। उत्तर स्वंय आता है माता श्री को चम्पा के पुष्प बहुत प्यारे लगते है, वह चम्पा के पुष्पो की माला पहने चित्रों में दिखाती है अतः चम्पा की छड़ी बनाई जाए, और मैने चम्पा की छड़ी को सुनहरे पीले गोटे से लपेट कर उसका निमार्ण कर अपने पास रखा है तब से न तो पैसे की कमी आज तक हुई साथ ही कुछ एसे कार्य जो असम्भव से लगते थे वे बहुत ही सुगमता पूर्वक सम्पन्न हो गए। गुरू निर्देश से इस छड़ी का निमार्ण करें और जीवन में लाभ उठाए।

२५ अगस्त को हुए एक हवन का दृश्य



डा0 तपेश्वरी दयाल सिंह
9839149434

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